जब इन्सान के ह्रदय की तार निरंकार रुपी ट्रांस्फोर्मेर से जुडी होती है तब
उस इन्सान में आनंद रुपी लहर दौड़ रही होती है और उसके अन्दर के
सभी बुरे विचार समाप्त हो जाते हैं. वह एक ऐसी उत्तम अवस्था में अपना
जीवनयापन कर रहा होता है की मानो उस पर सुख-दुःख का कोई प्रभाव ही
न पड़ रहा हो. वह इन्सान निरंकार का ही स्वरुप ही हो जाता है.
उस इन्सान में आनंद रुपी लहर दौड़ रही होती है और उसके अन्दर के
सभी बुरे विचार समाप्त हो जाते हैं. वह एक ऐसी उत्तम अवस्था में अपना
जीवनयापन कर रहा होता है की मानो उस पर सुख-दुःख का कोई प्रभाव ही
न पड़ रहा हो. वह इन्सान निरंकार का ही स्वरुप ही हो जाता है.
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