Look upon every man, woman, and everyone as God. You cannot help anyone, you can only serve: serve the children of the Lord, serve the Lord Himself, if you have the privilege.
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26 February, 2016
सिमरन क्या है?
"सिमरन" हाथ पैरो से नहीं होता है। वर्ना विकलांग
कभी नहीं कर पाते।
सिमरन ना ही आँखो से होता है
वर्ना सूरदास जी कभी नहीं कर पाते।
ना ही सिमरन
बोलने सुनने से होता है वर्ना "गूँगे" "बैहरे" कभी
नहीं कर पाते।
ना ही "सिमरन" धन और ताकत से
होता है वर्ना गरीब और कमजोर कभी नहीं कर
पाते।
"सिमरन" केवल भाव से होता है
एक अहसास
है "सिमरन"
जो हृदय से होकर विचारों में आता है
और हमारी आत्मा से जुड़ जाता है।
"सिमरन" भाव का सच्चा सागर है।
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A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...
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