As long as we believe ourselves to be even the least different from God, fear remains with us; but when we know ourselves to be the One, fear goes; of what can we be afraid?
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13 April, 2016
Bhakti ka sukh
जाति नहीं होती बड़ी ,न ही बड़ा है धर्म|
बड़ा वही इस जगत में,जिसका ऊँचा कर्म||
ग्यान कर्म में ढल जाने से परमात्मा निरंकार की किरपा का आभास होने लगता है और जीवन सरल हो जाता है
भक्ति का सुख मिलना चालू हो जाता है
दर्पण × मन
दर्पण जब चेहरे का दाग दिखाता है, तब हम दर्पण नहीं तोडते बल्कि दाग साफ करते हैं।
उसी प्रकार हमारी कमी बताने वाले पर क्रोध करने के बजाय कमी दूर करना श्रेष्ठ है..!!
धन निरंकार जी!
Teacher vs Guru
A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...
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Fikar kare wo BAWARE, Jikar kare wo SADH, Uth farida Jikar kar, Teri FIKAR KAREGA ye AAP.
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तात मिले,पुनि मात मिले,सुत भरात मिले युवती सुखदाई , राज मिेले,गज बाज मिले,सब साज मिले,मनवांछित फल पाई , लोक मिलें,सुर लोक मिलें,विधि लोक मि...