गुरु केवल मार्ग दर्शक है
आत्मा के लिए तो आप को ही पुरूषार्थ करना है।
गुरु ने रास्ता दिखाया है,
चलना आप को है,
गुरु ने उपदेश दिया है,
पालन आप को करना है,
गुरु की वाह वाह से मोक्ष नहीं मिलता है,
गुरु के वचनों के अनुसार चलने से मोक्ष मिलता है।
सिमरन से आत्म बलवान होगा |
सेवा से कर्तव्य का ध्यान होगा |
सत्संग से संतो का सम्मान होगा |
सत्कर्मों से जीवन महान होगा |
इन चारों से संतुृष्ट भगवान होगा |
ये सब हमारे जीवन में तब होगा |
जब सतगुरु के चरणों में ध्यान होगा
जो छू ले तेरे,चरणो की धूल सतगुरु जी
वो मिट्टी से सोना बन जाये
इक नजर जिस पर पड़ जाये तुम्हारी
वो कंकर भी कोहिनूर कहलाये
खाली दामन भर देता है
हर मुराद पूरी कर देता है
जब देने पर आता है तो
लिखा तकदीर का भी बदल देता है