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22 July, 2012

रहो जमीं पे

रहो जमीं पे मगर आसमां का ख्वाब रखो

तुम अपनी सोच को हर वक्त लाजवाब रखो

,
खड़े न हो सको इतना न सर झुकाओ कभी



तुम अपने हाथ में किरदार की किताबरखो,


....उभर रहा जो सूरज तो धूप निकलेगी....

..उजालों में रहो मत धुंध का हिसाब रखो,..


.मिले तो ऐसे कि कोई न भूल पाये तुम्हें..


..महक वंफा की रखो और बेहिसाब रखो,.

Teacher vs Guru

A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...