इक मसीहा अमन चैन का पैगाम दे गया,
नमीं ऑंखो को और लबों को मुस्कान दे गया |
आओ मिल कर संभाले पत्ता पत्ता, डाली डाली,
बेजोड़ बागबां ये गुलिस्तां दे गया |
कहीं एकता की राहें ढूंढ पाना न हो मुमकिन,
इसलिए वो अपने कदमों के निशान दे गया |
एक एहसान और कर दिया जाते जाते ,
इस माँ के रूप में वो भगवान दे गया |
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