Look upon every man, woman, and everyone as God. You cannot help anyone, you can only serve: serve the children of the Lord, serve the Lord Himself, if you have the privilege.
Search This Blog
26 February, 2016
सिमरन क्या है?
"सिमरन" हाथ पैरो से नहीं होता है। वर्ना विकलांग
कभी नहीं कर पाते।
सिमरन ना ही आँखो से होता है
वर्ना सूरदास जी कभी नहीं कर पाते।
ना ही सिमरन
बोलने सुनने से होता है वर्ना "गूँगे" "बैहरे" कभी
नहीं कर पाते।
ना ही "सिमरन" धन और ताकत से
होता है वर्ना गरीब और कमजोर कभी नहीं कर
पाते।
"सिमरन" केवल भाव से होता है
एक अहसास
है "सिमरन"
जो हृदय से होकर विचारों में आता है
और हमारी आत्मा से जुड़ जाता है।
"सिमरन" भाव का सच्चा सागर है।
23 February, 2016
कुछ पंकतिया जन्मदिन पर
कुछ पंकतिया जन्मदिन पर 🎂
आज के दिन फिर
एक माँ ने जन्मा था
ऐसा लाल , वर्षों से प्यासी रूहों को जो कर रहा निहाल ★
बंदे का रूप लेकर अवतार आ गया है
इस बार बन कर देखो सरदार आ गया है
बांटा है वो उजाला
जो कम कभी ना होगा
ऐसा भण्डार खोला
खतम कभी ना होगा
मोहनी सी सूरत है
मुस्कान है गजब की
बन्दे में देखो कैसी दिखती है सूरत रब की
चाबी खुदा के घर की
हाथों में लेकर आया
भटकी हुई रूहों को फिर रास्ता दिखाया
दिल लाया माँ के जैसा
राजमाता का दुलारा
तभी तो संतो इसको कहते है बख्शनहारा
संसार के भले का बीड़ा है वो उठाया हर पल जुटा है देखो
दिन रात सब भुलाया
ना चैन की फ़िक्र है
ना नींद इसको प्यारी
संसार के भले की छाई है बस खुमारी
बस एक नजर इसकी सब सुखों का खजाना
तीनो जहां का मालिक, बरह्मज्ञान का सौदागर
आपने सबको 'मोहित' कर दिया
जीवन की राह असल में दिखाई★
तो आपको है इसके जन्म की बधाई
तो आपको है इसके जन्म की बधाई
तो आपको है इसके जनमदिन कि बधाइ
21 February, 2016
20 February, 2016
"किस्मत का लिखा कोई नही मिटा सकता"
एक दिन यमराज एक लड़के के पास आये और बोले -
"लड़के, आज तुम्हारा आखरी दिन है!"
लड़का : "लेकिन मैं अभी तैयार नही हुँ ".
यमराज : "ठिक है लेकिन सूची मे तुम्हारा नाम पहला है".
लड़का : "ठिक है , फिर क्युं ना हम जाने से पहले साथ मे बैठ कर चाय पी ले ?
यमराज : "सहि है".
लड़के ने चाय मे नीद की गोली मिला कर यमराज को दे दी.
यमराज ने चाय खत्म की और गहरी नींद मे सो गया.
लड़के ने सूची मे से उसका नाम शुरुआत से हटा कर अंत मे लिख दिया.
जब यमराज को होश आया तो वह लड़के से बोले -"क्युंकी तुमने मेरा बहुत ख्याल रखा इसलिये मे अब सूची अंत से चालू करूँगा"..!
सीख :
"किस्मत का लिखा कोई नही मिटा सकता"
अर्थात - जो तुम्हारी किस्मत मे है वह कोई नही बदल सकता चाहे तुम कितनी भी कोशिश कर लो .
इसलिये भगवत गीता मे श्री कृष्ण ने कहा है -
"तू करता वही है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो मैं चाहता हुँ
तू कर वह जो मैं चाहता हुँ
फिर होगा वही जो तू चाहता है ।
संवाद देवाशी
जगाशी बोलायला “फोन” आवश्यक असतो आणि देवाशी बोलायला “मौन” आवश्यक असते !
फोनवर बोलायला “धन” द्यावे लागते आणि देवाशी बोलायला “मन” द्यावे लागते !
पैशाला महत्व देणारा “भरकटतो” तर देवाला प्राधान्य देणारा “सावरतो” !
19 February, 2016
कबीर की अन्धविश्वास, पाखंड, भेदभाव, जातिप्रथा, हिन्दू, मुस्लिम पर करारी चोट
कबीर की अन्धविश्वास, पाखंड, भेदभाव, जातिप्रथा, हिन्दू, मुस्लिम पर करारी चोट
” जो तूं ब्रह्मण , ब्राह्मणी का जाया !
आन बाट काहे नहीं आया !! ”
– कबीर
(अर्थ- अपने आप को ब्राह्मण होने पर गर्व करने वाले ज़रा यह तो बताओ की जो तुम अपने आप की महान कहते तो फिर तुम किसी अन्य रास्ते से जाँ तरीके से पैदा क्यों नहीं हुआ ? जिस रास्ते से हम सब पैदा हुए हैं, तुम भी उसी रास्ते से ही क्यों पैदा हुए है ?)
कोई आज यही बात बोलने की ‘हिम्मंत’ भी नहीं करता ओर कबीर सदियों पहले कह गए ।। हमे गर्व हैं की हम उस महान संत के अनुयाई हैं । ऐसे महान क्रांतिकारी संत को कोटी कोटि नमन !!!
“लाडू लावन लापसी ,पूजा चढ़े अपार
पूजी पुजारी ले गया,मूरत के मुह छार !!”
– कबीर
(अर्थ – आप जो भगवान् के नाम पर मंदिरों में दूध, दही, मख्कन, घी, तेल, सोना, चाँदी, हीरे, मोती, कपडे, वेज़- नॉनवेज़ , दारू-शारू, भाँग, मेकअप सामान, चिल्लर, चेक, केश इत्यादि माल जो चढाते हो, क्या वह बरोबर आपके भगवान् तक जा रहा है क्या ?? आपका यह माल कितना % भगवान् तक जाता है ? ओर कितना % बीच में ही गोल हो रहा है ? या फिर आपके भगवान तक आपके चड़ाए गए माल का कुछ भी नही पहुँचता ! अगर कुछ भी नही पहुँच रहा तो फिर घोटाला कहा हो रहा है ? ओर घोटाला कौन कर रहा है ? सदियों पहले दुनिया के इस सबसे बड़े घोटाले पर कबीर की नज़र पड़ी | कबीर ने बताया आप यह सारा माल ब्राह्मण पुजारी ले जाता है ,और भगवान् को कुछ नहीं मिलता, इसलिए मंदिरों में ब्राह्मणों को दान करना बंद करो )
#अन्धविश्वास_पर_कबीर_की_चोट !!
#हिन्दुओ_पर
”पाथर पूजे हरी मिले,
तो मै पूजू पहाड़ !
घर की चक्की कोई न पूजे,
जाको पीस खाए संसार !!”
– कबीर
”मुंड मुड़या हरि मिलें ,सब कोई लेई मुड़ाय |
बार -बार के मुड़ते ,भेंड़ा न बैकुण्ठ जाय ||”
– कबीर
”माटी का एक नाग बनाके,
पुजे लोग लुगाया !
जिंदा नाग जब घर मे निकले,
ले लाठी धमकाया !!”
– कबीर
” जिंदा बाप कोई न पुजे, मरे बाद पुजवाये !
मुठ्ठी भर चावल लेके, कौवे को बाप बनाय !!
– कबीर
”हमने देखा एक अजूबा ,मुर्दा रोटी खाए ,
समझाने से समझत नहीं ,लात पड़े चिल्लाये !!”
– कबीर
#मुसलमानों_पर
”कांकर पाथर जोरि के ,मस्जिद लई चुनाय |
ता उपर मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदाय ||”
– कबीर
#हिन्दू_मुस्लिम_दोनों_पर
”हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना,
आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए, मरम न कोउ जाना।”
– कबीर
(अर्थ : कबीर कहते हैं कि हिन्दू राम के भक्त हैं और तुर्क (मुस्लिम) को रहमान प्यारा है. इसी बात पर दोनों लड़-लड़ कर मौत के मुंह में जा पहुंचे, तब भी दोनों में से कोई सच को न जान पाया।)
#हिन्दुओ_की_जाति_पर_कबीर_की_चोट
”जाति ना पूछो साधू की, पूछ लीजिये ज्ञान !
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान !!
– कबीर
”काहे को कीजै पांडे छूत विचार।
छूत ही ते उपजा सब संसार ।।
हमरे कैसे लोहू तुम्हारे कैसे दूध।
तुम कैसे बाह्मन पांडे, हम कैसे सूद।।”
– कबीर
”कबीरा कुंआ एक हैं,
पानी भरैं अनेक ।
बर्तन में ही भेद है,
पानी सबमें एक ॥”
– कबीर
”एक क्ष ,एकै मल मुतर,
एक चाम ,एक गुदा ।
एक जोती से सब उतपना,
कौन बामन कौन शूद ”
– कबीर
#कबीर_की_सबको_सीख #बाकि_समझ_अपनी_अपनी
”जैसे तिल में तेल है,
ज्यों चकमक में आग I
तेरा साईं तुझमें है ,
तू जाग सके तो जाग II ”
– कबीर
मोको कहाँ ढूंढे रे बन्दे ,
मैं तो तेरे पास में।
ना मैं तीरथ में, ना मैं मुरत में,
ना एकांत निवास में ।
ना मंदिर में , ना मस्जिद में,
ना काबे , ना कैलाश में।।
ना मैं जप में, ना मैं तप में,
ना बरत ना उपवास में ।।।
ना मैं क्रिया करम में,
ना मैं जोग सन्यास में।।
खोजी हो तो तुरंत मिल जाऊ,
इक पल की तलाश में ।।
कहत कबीर सुनो भई साधू,
मैं तो तेरे पास में बन्दे…
मैं तो तेरे पास में…..
– कबीर
18 February, 2016
13 February, 2016
Gratitude
11 February, 2016
Love - the power of God
Focus on love and you will activate the power of God in your life. *- Unknown *
You
Stand up, be bold, and take the blame on your own shoulders. Do not go about throwing mud at others; for all the faults you suffer from, you are the sole and only cause.
09 February, 2016
05 February, 2016
ज़िंदा रख
ज़मीर ज़िंदा रख,
कबीर ज़िंदा रख।
सुल्तान भी बन जाए तो,
दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख।
लालच डिगा न पाए तुझे,
आंखों का नीर ज़िंदा रख।
इन्सानियत सिखाती जो,
मन में वो पीर ज़िंदा रख।
हौसले के तरकश में,
कोशिश का तीर ज़िंदा रख।
Teacher vs Guru
A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...
-
Fikar kare wo BAWARE, Jikar kare wo SADH, Uth farida Jikar kar, Teri FIKAR KAREGA ye AAP.
-
Sabar shanti te samdrishti sant jana da gehna hai ! sant jana da vadda jevar bhane andar rehna hai !! _AVTAR VANI-28
-
तात मिले,पुनि मात मिले,सुत भरात मिले युवती सुखदाई , राज मिेले,गज बाज मिले,सब साज मिले,मनवांछित फल पाई , लोक मिलें,सुर लोक मिलें,विधि लोक मि...