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20 August, 2015

संत समागम दुरलभ

तात मिले,पुनि मात मिले,सुत भरात मिले युवती सुखदाई ,  राज मिेले,गज बाज मिले,सब साज मिले,मनवांछित फल पाई , लोक मिलें,सुर लोक मिलें,विधि लोक मिलें बैकुंठ को जाई, सुंदर और मिलैं सबही,पर संत समागम दुरलभ भाई.

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