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06 April, 2012
09 March, 2012
ईश्वर एक है नाम अनेको इसके है रूप हजार
बिन साकार के इस निरंकार का होता नहीं दीदार.
तन का सजाना ठीक है लेकिन मन का भी रूप सवार
तन के रोग तो थोड़े है पर मन के है रोग हजार.
झूटी चमक में खोया रहा जग सच को कभी नहीं जाना
जिसने बनाई सब श्रिष्टी ये ईश्वर न पहचाना
दुनिया भवर है मन है नैया और सतगुरु पतवार
इस पतवार के बिना है मन तू हो न सकेगा पार
बिन साकार के इस निरंकार का होता नहीं दीदार.
तन का सजाना ठीक है लेकिन मन का भी रूप सवार
तन के रोग तो थोड़े है पर मन के है रोग हजार.
झूटी चमक में खोया रहा जग सच को कभी नहीं जाना
जिसने बनाई सब श्रिष्टी ये ईश्वर न पहचाना
दुनिया भवर है मन है नैया और सतगुरु पतवार
इस पतवार के बिना है मन तू हो न सकेगा पार
Teacher vs Guru
A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...
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Fikar kare wo BAWARE, Jikar kare wo SADH, Uth farida Jikar kar, Teri FIKAR KAREGA ye AAP.
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Sabar shanti te samdrishti sant jana da gehna hai ! sant jana da vadda jevar bhane andar rehna hai !! _AVTAR VANI-28
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Eid E = Ek ko jano Ek ko mano Ek ho jao I = Iko noor sb mai hai D = Dil me is ek ko basao Aisi Eid ...