“घमंड” और “पेट”
जब ये दोनों बढतें हैं..
तब “इन्सान” चाह कर भी
किसी को गले नहीं लगा सकता..
जब ये दोनों बढतें हैं..
तब “इन्सान” चाह कर भी
किसी को गले नहीं लगा सकता..
जिस प्रकार नींबू के रस की एक बूँद
हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है…
…उसी प्रकार…
“मनुष्य का अहंकार”
भी अच्छे से अच्छे संबंधों को
बर्बाद कर देता है!!!
हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है…
…उसी प्रकार…
“मनुष्य का अहंकार”
भी अच्छे से अच्छे संबंधों को
बर्बाद कर देता है!!!