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19 October, 2017

सत्कर्म ही जीवन है

नदी का पानी मीठा होता है क्योंकि वो पानी देती रहती है।

सागर का पानी खारा होता है क्योंकि वो हमेशा लेता रहता है।

नाले का पानी हमेशा दुर्गंध देता है क्योंकि वो रूका हुआ होता है।

           यही जिंदगी है
देते रहोगे तो सबको मीठे लगोगे।
लेते रहोगे तो खारे लगोगे।और
अगर रुक गये तो सबको बेकार लगोगे।
    निष्कर्ष : सत्कर्म ही जीवन है

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