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22 November, 2014

कोई सानी नही तेरी रेहमतो के सागर का,

तूने एतबार दिया इंसान पर इंसान का,

धूल के कण भी न थे हम तेरी दुनिया के,

माथे का चंदन बना दिया इस संसार का,

कोई सजदा नही, 

तेरी याद का कोई फेरा नही,

फिर भी साॅसे चल रही है, 

ये भरोसा है बस तेरे प्यार का...

बस तेरे प्यार का...

मानव मन की अवस्था

मानव मन की अवस्था : 

रात के अँधेरे से डरते हें
निरंकार से क्यू नही..?
सपनो से डरते हें
सतगुरु से क्यू नही..?
बिच्छु से डरते हें
गुनाहों से क्यू नही..?
स्वर्ग में जाना चाहते हें
सत्संग में क्यू नही..?
रिश्वत देते हें
सेवा क्यू नही..?
मनमत पर चलते हें
गुरुमत पर क्यू नही..?
गाने गाते हें
सिमरन क्यू नही..?
सत्संग सुनते हें
अमल करते क्यू नही..?
Pal pal tarse the us pal ke liye ,
pal aaya bhi toh kuch pal ke liye ...
Socha tha us pal ko khubsoorat pal banaye ge 
par woh pal ruka bhi toh kuch pal ke liye..(Missing Samagam Days)

सतगुरु प्यारे

सतगुरु प्यारे इन्होने 
इतना बचाया हैं
हसने लगी ज़िन्दगी,
मन मुस्कुराया हैं
दिव्यदृष्टि देकर के,
अँधेरा मिटाया हैं
नज़रे नूरानी से,
स्वरुप दिखाया हैं
गिर गए थे हम तो,
गुरु ने उठाया हैं
अवगुण नहीं देखे,
गले से लगाया हैं
अनमोल खज़ाना देकर,
बादशाह बनाया हैं
विषयों के कीचड़ में,
गिरने से बचाया हैं
मुरझाया मन का चमन,
गुरु ने खिलाया हैं
भूल गए थे हसना,
गुरु ने हसाया हैं
संसार सागर से,
गुरु ने ताराया हैं
मन पर जन्मो से,
गफलत का पर्दा था
दुई का पर्दा हटा कर,
नींद से जगाया हैं
कैसे भूलूँ रहमत,
तन मन चमकाया है।।।।।।

Teacher vs Guru

A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...