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30 April, 2012

कभी मंदिर कभी मस्जिद की दर पे सर झुका आते है
कभी पाप की गठरी खुदा के दर पे पटक आते है
भटकते है खुद की गलतियों से राह मंजिल की
मगर सर इलज़ाम अपने रब पे लगा जाते है
अक्सर हम अपनी नीयत से रिश्ते खो जाते है
और बदनाम न जाने क्यों उस रब को कर जाते है ||

Teacher vs Guru

A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...