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29 April, 2016

खुदा का ठिकाना

ये ना बस्ती में रहता हें ना बिरनो में राहता हें
ये ना काबा मैरहता हें भूतखनो मै रहता हें
खुदा को धुढने वाले नही जानते साखी खुदा आजकल अपने दिवनो मै रहता है।

24 April, 2016

शुक्रिया

ए गुरुबचन के प्यारो, इस प्यार का है वास्ता
जो कर गए है, एक एक एहसान का है वास्ता
उस त्याग कि कसम, है बलिदान का है वास्ता
कुर्बान कर गए जो, उस प्राण का है वास्ता
भुले से ना भुले, ये उपकार गुरुबचन का

दिल करता है शुक्रिया बार  बार बार  गुरुबचन का......

22 April, 2016

If you

If you use your mind to study reality, you won't understand either your mind or reality. If you study reality without using your mind, you'll understand both.

17 April, 2016

सीखने वाली बात

एक बुज़ुर्ग से किसी ने पूछा, "कुछ नसीहत कर दीजिये"।
उन्होंने अजीब सवाल किया, "कभी बर्तन धोये हैं?"
उस शख्श ने हैरान होकर जवाब दिया, "जी धोये हैं"
बुजुर्ग ने पूछा, "क्या सीखा?
उस शख्श ने कहा, "इसमें सीखने वाली बात क्या है?"
बुज़ुर्ग ने मुस्कुराकर जवाब दिया,
"बर्तन को बाहर से कम
अन्दर से ज़्यादा धोना पड़ता है"।
,,,,,,,,,,
हम भी शरीर को धोने में लगे हुए है ।
मन को कब धोएंगे?

13 April, 2016

As long as we

As long as we believe ourselves to be even the least different from God, fear remains with us; but when we know ourselves to be the One, fear goes; of what can we be afraid?

Bhakti ka sukh

जाति नहीं होती बड़ी ,न ही बड़ा है धर्म|
बड़ा वही इस जगत में,जिसका ऊँचा कर्म||
ग्यान कर्म में ढल जाने से परमात्मा निरंकार की किरपा का आभास होने लगता है और जीवन सरल हो जाता है
भक्ति का सुख मिलना चालू हो जाता है

दर्पण × मन

दर्पण जब चेहरे का दाग दिखाता है, तब हम दर्पण नहीं तोडते बल्कि दाग साफ करते हैं।

उसी प्रकार हमारी कमी बताने वाले पर क्रोध करने के बजाय कमी दूर करना श्रेष्ठ है..!!
धन निरंकार जी!

11 April, 2016

मै इस काबिल तो नही

"मै इस काबिल तो नही,
कि मेरी पहचान हो,

"मै इस काबिल भी नही,
कि दुनिया मे मेरा नाम हो,

"मै तो दीवाना हूँ ,
बस तेरे चरणों का,

"आरजू है बस ,
मेरे दिल की यही कि,

"तेरे चरणों मे ,
मेरी ज़िंदगी तमाम हो.

02 April, 2016

"The time to pray is not when we are in a tight spot but just as soon as we get out of it."

01 April, 2016

गुरु केवल मार्ग दर्शक है
आत्मा के लिए तो आप को ही पुरूषार्थ करना है।
गुरु ने रास्ता दिखाया है,
चलना आप को है,
गुरु ने उपदेश दिया है,
पालन आप को करना है,
गुरु की वाह वाह से मोक्ष नहीं मिलता है,
गुरु के वचनों के अनुसार चलने से मोक्ष मिलता है।


सिमरन से आत्म बलवान होगा |
सेवा से कर्तव्य का ध्यान होगा |
सत्संग से संतो का सम्मान होगा |
सत्कर्मों से जीवन महान होगा |
इन चारों से संतुृष्ट भगवान होगा |
ये सब हमारे जीवन में तब होगा |
जब सतगुरु के चरणों में ध्यान होगा

जो छू ले तेरे,चरणो की धूल सतगुरु जी
वो मिट्टी से सोना बन जाये
इक नजर जिस पर पड़ जाये तुम्हारी
वो कंकर भी कोहिनूर कहलाये
खाली दामन भर देता है
हर मुराद पूरी कर देता है
जब देने पर आता है तो
लिखा तकदीर का भी बदल देता  है

Teacher vs Guru

A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...