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23 February, 2017

आज के दिन

आज के दिन एक माँ ने जन्मा था ऐसा लाल ,
वर्षों तक प्यासी रूहों को जिसने किया निहाल /
बंदे का रूप लेकर अवतार आया था
जग का बन कर हरदेव पालनहार आया था।
बांटा है वो उजाला जो कम कभी ना होगा ,
ऐसा भण्डार खोला,खत्म कभी ना होगा /
मोहनी सी सूरत थी ,मुस्कान थी  गजब की ,
इंसान की शक्ल में  समाई थी सूरत रब की /
चाबी खुदा के घर की ,हाथों में लेकर आया ,
भटकी हुई रूहों को है  रास्ता दिखाया /
दिल लाया माँ के जैसा ,राजमाता का दुलारा ,
तभी तो संतो इसको कहते थे बख्शनहारा /
संसार के भले का बीड़ा था वो उठाया ,
हर पल जुटा था वो तो ,दिन रात सब भुलाया /
ना चैन की फ़िक्र थी  ना नींद ही थी प्यारी ,
संसार के भले की छाई थी  बस  खुमारी /
बस एक नजर इसकी सुखों का थी खजाना ,
सदियों तलक रहेगा दीवाना इसका ज़माना /
साकार रूप में भी निरंकार रूप में भी ,
कण कण में बसने वाला है छाँव धुप में भी /
तीनो जहां का मालिक ,बरह्मज्ञान का सौदागर ,
रब से करादे बातें रब सामने दिखा कर /
जीवन की राह असल में दिखाई तो आपने हआज के दिन एक माँ ने जन्मा था ऐसा लाल ,
वर्षों तक प्यासी रूहों को जिसने किया निहाल /
बंदे का रूप लेकर अवतार आया था
जग का बन कर हरदेव पालनहार आया था।
बांटा है वो उजाला जो कम कभी ना होगा ,
ऐसा भण्डार खोला,खत्म कभी ना होगा /
मोहनी सी सूरत थी ,मुस्कान थी  गजब की ,
इंसान की शक्ल में  समाई थी सूरत रब की /
चाबी खुदा के घर की ,हाथों में लेकर आया ,
भटकी हुई रूहों को है  रास्ता दिखाया /
दिल लाया माँ के जैसा ,राजमाता का दुलारा ,
तभी तो संतो इसको कहते थे बख्शनहारा /
संसार के भले का बीड़ा था वो उठाया ,
हर पल जुटा था वो तो ,दिन रात सब भुलाया /
ना चैन की फ़िक्र थी  ना नींद ही थी प्यारी ,
संसार के भले की छाई थी  बस  खुमारी /
बस एक नजर इसकी सुखों का थी खजाना ,
सदियों तलक रहेगा दीवाना इसका ज़माना /
साकार रूप में भी निरंकार रूप में भी ,
कण कण में बसने वाला है छाँव धुप में भी /
तीनो जहां का मालिक ,बरह्मज्ञान का सौदागर ,
रब से करादे बातें रब सामने दिखा कर /
जीवन की राह असल में दिखाई तो आपने है ,
तू कल भी साथ में था तू आज भी साथ में है।....

इक मसीहा

इक मसीहा अमन चैन का पैगाम दे गया,
नमीं ऑंखो को और लबों को मुस्कान दे गया |

आओ मिल कर संभाले पत्ता पत्ता, डाली डाली,
बेजोड़ बागबां ये गुलिस्तां दे गया |

कहीं एकता की राहें ढूंढ पाना न हो मुमकिन,
इसलिए वो अपने कदमों के निशान दे गया |

एक एहसान और कर दिया जाते जाते ,
इस माँ के रूप में वो भगवान दे गया |

Teacher vs Guru

A Teacher instructs you, a Guru constructs you. A Teacher sharpens your mind, a Guru opens your mind. A Teacher answers your question, a Gur...